Published 23:45 IST, July 22nd 2020

Hariyali Teej poems to share with your loved ones on this auspicious day

Hariyali Teej is one of the popular monsoon festivals that will be observed on July 23. Here are some Hariyali Teej poems that one can share.

Reported by: Shraddha Chaugale
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Hariyali Teej, also kwn as Teej, Sawan Teej, Shravani Teej, Hartalika Teej, is one of most popular monsoon festivals celebrated in rrn regions of India. name of festival, Hariyali Teej, sheds light on greenery during  month of monsoon. People celebrate day in various ways by singing songs and reciting, sharing special Hariyali Teej poems. With all that said w, re on to kw Hariyali Teej poems that one can share with loved ones:

Poems for Hariyali Teej

According to Hindu tritions, Hariyali Teej is one of monsoon festivals that is dedicated to Lord Shiva and Goddess Parvati. Goddess Parvati is also kwn as Teej Mata. People celebrate monsoon festival in multiple ways, Women get dressed up in stunning sarees, preferably green saree, and wear matching green bangles. Green is considered to be colour of Hariyali Teej festival. 

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In several parts of rrn region of India, people gar and listen to folklore of Shiva and Parvati. Women even apply Mehendi and put on new outfits, bangles, and dance and sing special Hariyali Teej songs. Women pray for health and wellbeing of ir family members.

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सावन की तीज में आती हैं बेटियाँ...
मायके की रीझ में आती हैं बेटियाँ...
बाबुल से अपने वो कुछ नहीं माँगती,
जाते वक्त यादें छोड़ जाती हैं बेटियाँ...

साथ लेकर आती हैं बचपन की यादें...
वो तुतलाती बोली, वो मीठी मीठी बातें...
वो चॉकलेट्स की जिद, वो गुड़ियों का शौक,
इक नादान दिल की मासूम फरियादें...

अपनी अम्मा के पुराने गहने पहनना...
ओढ़कर एक चुनरी फिर दुल्हनिया बनना...
गुड्डे गुड़ियों की बचपन में शादी कराना,
गैस चूल्हे पे झूठमूठ का खाना बनाना...

दादी की कहानियों में खो जाना अक्सर...
पढ़ते पढ़ते चुपचाप सो जाना अक्सर...
बाबा की डाँट पर पल में रुठ जाना,
मोतियों से अश्कों की धारा छुट जाना...

बहुत याद आती है उसके छुटपन की जिद...
वो भूली हुयी यादें, वो बचपन के गीत...
भर देती है फिर से जीवन में खुशियाँ,
सच में बहुत भाती है सावन की तीज...

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SOURCE: POEM OCEAN.COM

आया तीज का त्यौहार,
सखियों हो जाओ तैय्यार,
मेंहंदी हाथो में रचा के,
कर लो सोलह श्रृंगार,
चूड़ी खन खन खनके,
पायल छमछम बाजे,
बिंदी की चमक अपार,
आया तीज का त्यौहार।
डाली पर झूले डालें,
सखियों संग मौज मनाले,
हरियाली तीज का सब,
मिलजुलकर आनंद उठा ले,
देने खुशियां अपार,
आया तीज का त्यौहार।
मंदिर में दर्शन को जायें
शिव जी का आशीर्वाद पाये,
होगा अमर सुहाग,
आया तीज का त्यौहार।

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SOURCE: POEM OCEAN.COM

हरियाला सावन छम-छम करता आया
सबके मन को इसने कितना हर्षाया
दादुर, झिंगुर, कोयल पपीहे टेर सुनाते
मोर ने पंख फैलाकर नृत्य दिखाया
रिमझिम नन्हीं मोती सी बूंदें लेकर
बिजुरी संग बादल नीलगगन में छाया
प्यासी धरती ने धानी चुनरिया ओढ़ी
सतरंगी इन्द्रधनुष आसमान में छाया
मेंहदी रचे हाथों में हरी चूड़ियां पहनें
सभी ने हरियाली तीज उत्सव मनाया।

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हरियाली की चादर ओढ़े 
        देखो सावन कैसे बरसा है 
रंग बिरंगे परिधानों में 
        देखो मन कैसे मचला है। 

आखिर क्या खास इस त्यौहार में है 
        जो इसकी हो रही इतनी चर्चा है 
शिवजी और पार्वती का अद्भुत मिलन 
        हरियाली की बाहों में सोने को मन तरसा है। 

हरियाली को समटे प्रकृति मुस्कुरा रही है 
        पहला सावन मायके में, बेटी हरियाली तीज मना रही है। 
पति के इंतज़ार में विरहणी कजरी गा रही है 
        पपैये के समान विदेश में बैठे पति को संदेशा पहुंचा रही है। 

बहुत ही खास तीज का त्यौहार है 
       पति के आगे ही झुकता हर पत्नी का सम्मान है 
कर के समर्पित कुमकुम,रोली,मेहँदी 
        हरियाली के बाहों में फिर पत्नी करती विराम है। 

SOURCE: NRINKLE.COM

SOURCE: YOUR QUOTE.IN

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