Published 21:11 IST, May 28th 2020
'World Menstrual Hygiene day' quotes in Hindi to create awareness and reach to the masses
World Menstrual Hygiene Day in Hindi quotes. Here is how you can do your part by passing around the information about the cause and raise awareness
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World Menstrual Hygiene Day is a day of high significance as it aims to spread awareness about personal hygiene. It is a health awareness day which is celebrated on May 28 every year. World Menstrual Hygiene Day is called 'Masik Dharm Svachata Divas' or 'मासिक धर्म स्वच्छता दिवस' in Hindi. On this day, people try to create awareness on the importance of menstrual hygiene.
World Menstrual Hygiene Day in Hindi
World Menstrual Hygiene Day has volunteers and social workers promoting the cause in every language possible. The point is to reach to the majority of the women through fun activities and written notes. Most of the NGOs aim at promoting it amidst the women of rural India who are still ignorant about the need for personal hygiene due to lack of awareness. On this important day, here is a look at a few quotes that you can send around in order to contribute to the cause.
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कभी उन्मुक्त भाव से हमारी अंत:करण निरेखना
कभी तुम भी मन मस्तिष्क से नारी होकर देखना
इन दिनों के सत्य को समाज क्यों नहीं स्वीकार करता है ...ये सत्य है कि हम मानसिक रूप से अपने कान्हा के पास होते हैं पर समाजिक रूप से हम निषिद्ध होते हैं पूजा पाठ करनें व मंदिर जाने में ...पर अच्छी सोच भी लगती है हमारे महान ऋषि मुनियों की
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नरक का द्वार बताने वालों
हास उपहास उड़ाने वालों
क्या तुम्हारी मां-बहन-बेटी नहीं होगी
क्या वो ये पीड़ा नहीं भुगत रही होगी
दंभी का कोई भी मान नहीं होता
मुर्ख का कोई अपमान नहीं होता
दोहरी मानसिकता सर्व विदित यहाँ से ज्ञात होता है
जब पंच-परमेश्वर भी सबरीमाला में अज्ञात होता है
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क्यों हर बार लडकिया ज़रूरत की चीज़ों को अखबार, या काली पन्नी में लेकर घर आये....!
रज से उत्पन्न हो रजस्वला का अपमान
पुरुष प्रधान समाज बनाता है विधान
वो विधान जिसमें नारी को दिखाता है नीच
यद्यपि नारी में से निकलता है पुरुष आंखें भींच.
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यू तो कामाख्या की पूजा करते हो
और इन दिनों मुझे खुद से दूर रखते हो
रग-रग में है भग रक्त पिपासा
भग से उत्पन्न भग का प्यासा
कोई पुरूष चाहे भी तो इस 'प्राकर्तिक चक्र' को ठीक से संभाल ही ना पाये!
शायद इसीलिये तो यह चक्र हर माह सिर्फ 'नारी-शक्ति' के पास ही पहुँच जाये!!
Image Courtesy: Canva
21:11 IST, May 28th 2020