sb.scorecardresearch

Published 23:00 IST, July 4th 2020

Guru Purnima speech in Hindi to wish your teachers

Guru Purnima is a day wherein students get a chance to express their love and respect towards their teachers. Here is a Guru Purnima Speech in Hindi for you.

Reported by: Mamta Raut
Follow: Google News Icon
  • share
guru purnima speech in hindi
null | Image: self

Guru Purnima is a day wherein students get a chance to express their love and respect towards their teachers. According to the Hindi calendar, it is celebrated on the full moon day of the Ashadh month. Guru Purnima 2020 falls on July 5, this year.

Like every year, the festival will be celebrated with great gust and galore throughout the nation. Although many won’t be able to greet their teachers in person due to the outbreak of coronavirus. However, one can read out a speech to them via digital media to tell their teachers how important their role is in one’s life. Here is a Guru Purnima Speech in Hindi to wish your teacher.

Guru Purnima speech in Hindi

मेरा नाम…..है. मैं कक्षा… में अध्ययन करता हूं। आज हम सभी “गुरु पूर्णिमा पर्व” मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ (जून- जुलाई) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को  मनाया जाता है। इस अवसर पर मैं एक भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ।  “गुरु पूर्णिमा पर्व” नेपाल में मुख्य रूप से हिन्दू, बुद्ध और जैन धर्म के लोग मनाते है। इस दिन गुरुओ, शिक्षको की पूजा और सम्मान किया जाता है। यह पर्व वर्षा ऋतु की शुरुवात में मनाया जाता है। इस समय तापमान बहुत ही अनुकूल रहता है। सभी का पढ़ने में बहुत मन लगता है। यह दिन महाभारत ग्रंथ के रचयिता महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में भी मनाते है। इनको सम्पूर्ण मानव जाति का गुरु माना जाता था। गुरु पूर्णिमा के दिन ही संत कबीर के शिष्य संत घीसादास का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। इस दिन ही भगवान गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। इस दिन ही भगवान शिव ने सप्तऋषियो को योग का ज्ञान दिया था और प्रथम गुरु बने थे।

  • महान संत कबीरदास ने गुरु के महत्व को इस तरह बताया है-

गुरू गोविन्द दोऊ खङे का के लागु पाँव,
बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय।

अर्थात यदि भगवान और गुरु दोनों सामने खड़े हो तो मुझे गुरु के चरण पहले छूना चाहिये क्यूंकि उसने ही ईश्वर का बोध करवाया है। सिख धर्म में गुरु का विशेष महत्व है क्यूंकि इस धर्म के लोग 10 सिख गुरु की पूजा करते है। उनके बताये मार्ग पर चलते है। हमारे देश में हर साल 5 सितम्बर को “शिक्षक दिवस” मनाया जाता है, जिसमे गुरू का सम्मान किया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेजों में गुरुओ, शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। उनके सम्मान में सभी लोग भाषण देते है, गायन, नाटक, चित्र, व अन्य प्रतियोगितायें आयोजित की जाती है। पुराने विदार्थी स्कूल, कॉलेज में आकर अपने गुरुजन को उपहार भेंट करते है और उनका आशीर्वाद लेते है। नेपाल में “गुरु पूर्णिमा” का पर्व गुहा पूर्णिमा के रूप में मनाते है। छात्र अपने गुरु को स्वादिस्ट व्यंजन, फूल मालाएं, विशेष रूप से बनाई गयी टोपी पहनाकर गुरु का स्वागत करते है। स्कूल में गुरु की मेहनत को प्रदर्शित करने के लिए मेलो का आयोजन किया जाता है।

ALSO READ| Kangana Ranaut Mourns Saroj Khan's Death, Calls Her 'rare Artist And An Exceptional Guru'

इस दिवस को मनाकर गुरु-शिष्य का रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है। स्कूल, कॉलेज की शिक्षा के बाद हम सभी को गुरु (टीचर्स) की बहुत जरूरत पड़ती है। विद्यार्थी किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाये इसे पता करना बहुत कठिन होता है। अनेक विकल्प होते है पर कौन सा विकल्प सही है इसका अनुमान करना बहुत कठिन होता है। प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी करे, इंजीनियरिंग करे, डॉक्टर बने या आई टी सेक्टर में कोर्स करे। होटल मैनजेमेंट करे या एमबीए (MBA) करे। सेना में जाये या बैंकिंग, SSC, रेलवे, शिक्षक, वकालत जैसा कोर्स करे। कई बार विद्दार्थी बहुत दुविधा में रहते है की कौन सा कोर्स करे। ऐसे में गुरु (टीचर्स) ही हमारी योग्यताओ के अनुसार काउंसलिंग करते है। आजकल यह बहुत प्रसिद्ध हो गया है। अनेक प्राइवेट संस्थाये बच्चो का टेस्ट और रूचि, रुझान देखकर बताती है की हमे किस कोर्स को करना चाहिये। इसलिए गुरु की जरूरत हमे करियर बनाने में बहुत पड़ती है। इतना ही नही गुरु जीवन भर सही रास्ता दिखाता रहता है।

ALSO READ| 'I Will Miss You': Madhuri Dixit Nene Remembers Her 'guru' Saroj Khan, Pens Heartfelt Note

पी०एच० डी० जैसे कोर्स किसी गुरु की देख रेख में ही किया जाता है। हमारे गुरु न सिर्फ बच्चों को बल्कि प्रौढ़ लोगो को भी शिक्षा देते है। नेत्रहीन बच्चो को शिक्षित करने का काम हमारे गुरु ही करते है। गुरु ही बच्चों, विद्दार्थियों को सही शिक्षा देकर आदर्श नागरिक बनाता है। गुरु के द्वारा शिक्षा लेकर बच्चे सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे बड़े पद को प्राप्त करते है। कोई बच्चा कुशल डॉक्टर बनता है तो कोई कुशल शिक्षक। कोई IAS, PCS करके जिलाधिकारी, अधिकारी जैसा बड़ा पद प्राप्त करता है। यह तो बात हो गयी करियर की। पर आगे जैसे जैसे हम जिन्दगी में आगे बढ़ते जाते है हमे अनेक तरह की चिंताएं, परेशानियां, समस्याएँ घेर लेती है। ऐसे में आध्याम्तिक गुरु हमे सही राह दिखाते है।

आज देश में श्री श्री रविशंकर, ओशो, जयगुरुदेव, मोरारजी बापू, बाबा रामदेव जैसे अनेक गुरु है जो समाज कल्याण का काम कर रहे है। आज का समाज अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। देश में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, अपराध, दूषित मनोवृति, महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ अपराध, बलात्कार जैसी घटनाये बढ़ रही है। इसका कही न कही संकेत है की लोग भटक गये है। दूषित अपराधिक मन का शिकार बनकर ऐसे अपराध कर रहे है। ऐसी में अत्यात्मिक गुरु हमे सही राह दिखाते है। श्री श्री रविशंकर लोगो को सुदर्शन क्रिया द्वारा तनाव मुक्त होना सिखाते है।

ALSO READ| Martyred Col. Santosh Babu’s Teacher Recalls School Days, Shares He Was Keen To Join Army

वो हिंसा एवं तनावमुक्त समाज की स्थापना करना चाहते है। इन्होने “आर्ट ऑफ़ लीविंग” फाउन्डेशन की स्थापना की है। बाबा रामदेव बहुत ही प्रसिद्ध गुरु/बाबा है। इन्होने योग को देश के घर घर में पहुँचाया है। हजारो रोगियों का इलाज अपने योग द्वारा किया है। बाबा रामदेव निशुल्क रूप से योग सिखाते है। इन्होने इसे देश में ही नही बल्कि विदेशो में बहुत प्रसिद्ध कर दिया है। इसके अतिरिक्त इन्होने “पतंजलि आयुर्वेद” कम्पनी की स्थापना की है जो देश भर में  सस्ती आयुर्देविक दवाइयां बनाकर बेचती है। इस तरह हम सबके जीवन में गुरु का सदैव महत्व रहता है।

सब धरती कागज करू, लेखनी सब वनराज।
सात समुंद्र की मसि करु, गुरु गुंण लिखा न जाए।।

अर्थात यदि पूरी धरती को लपेट कर कागज बना लूँ, सभी वनों के पेड़ो से कलम बना लूँ, सारे समुद्रो को मथकर स्याही बना लूँ, फिर भी गुरु की महिमा को नही लिख पाऊंगा। गुरु और शिष्य का रिश्ता बहुत मधुर होता है। अच्छे गुरुजनों को विद्दार्थी हमेशा याद रखते है और जीवनपर्यन्त उनका सम्मान करते है। इसलिए हम सभी को गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे उल्लास से मनाना चाहिये। आशा है आपको मेरा भाषण पसंद आया होगा। अंत में करूंगा की इन्ही शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ। धन्यवाद!

ALSO READ| Sushant Singh Rajput's School Teachers Remember Him As 'naughty But A Very Bright Boy'

Updated 23:00 IST, July 4th 2020